संसाधनों की पहुंच का अर्थ है आवश्यक वस्तुओं, सेवाओं, जानकारी, और सुविधाओं को प्राप्त करने की क्षमता। संसाधन किसी भी समाज या समुदाय की प्रगति और समृद्धि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। इन संसाधनों में प्राकृतिक, भौतिक, मानव, और वित्तीय संसाधन शामिल हो सकते हैं, जिनकी उपलब्धता और उपयोगिता सीधे तौर पर किसी व्यक्ति, समुदाय, या देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को प्रभावित करती है। आर्थिक विकास: संसाधनों की बेहतर उपलब्धता से उत्पादन और रोजगार बढ़ते हैं। सामाजिक समानता: संसाधनों का समान वितरण समाज में असमानता को कम करता है। जीवन स्तर में सुधार: स्वास्थ्य, शिक्षा, और रोजगार के साधनों की उपलब्धता से जीवन की गुणवत्ता बढ़ती है। सरकारी योजनाएं: सभी के लिए संसाधनों की समान उपलब्धता सुनिश्चित करना। सामुदायिक भागीदारी: संसाधनों के सही प्रबंधन में स्थानीय समुदायों की भागीदारी। तकनीकी विकास: तकनीक का उपयोग करके संसाधनों की सुलभता बढ़ाना। पर्यावरण संरक्षण: संसाधनों का सतत और विवेकपूर्ण उपयोग।
संसाधनों तक पहुंच मानव जीवन और समाज के विकास का आधार है। समान और न्यायसंगत संसाधन वितरण से गरीबी, असमानता, और अन्य सामाजिक समस्याओं को दूर किया जा सकता है। संसाधनों की उचित उपलब्धता और उपयोग समाज को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाते हैं।